MSP Full Form : हालही में पिछले साल हमारे अन्नदाता किसान भाईओ ने दिल्ली में MSP को लेकिन धरना प्रदर्शन किया था। इस धरना प्रदर्शन में पंजाब, हरियाणा और देश के विभिन्न राज्यों के किसानों ने हिस्सा लिया था। हालही की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने MSP पर किसानों के लिए 3 बिल पास किये थे। बीजीपी सरकार का कहना था की इन बिल से किसानों को काफी फायदा होगा। किसानों की आय दोगुना जो जाएगी। वही इस बिल को लेकर किसानों ने विरोध किया था। किसानों का कहना था की MSP Bill में न्यूनतम समर्थन मूल्य का का जिक्र नहीं हैं। आप सभी ने MSP पर किसानों का धरना प्रदर्शन न्यूज़ पेपर और टीवी पर देखा होगा पर आप में से बहुत से लोगों को MSP (minimum support price)के बारे में जानकारी नहीं होगी। आज हम आपको MSP के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे जैसे एमएसपी (msp kya hai) क्या है? MSP का फुल फॉर्म क्या है? एमएसपी का हिंदी में मीनिंग (MSP Meaning in Hindi)? MSP की शुरुआत? MSP कौन तय करता है? एमएसपी के फायदे? आदि। चलिए विस्तार से जानते है एमएसपी फुल फॉर्म के बारे में?
एमएसपी क्या है? (what is msp)
MSP एक न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है जो सरकार द्वारा किसानों की फसल के आधार पर तय किया जाता है। अगर किसानों की फसल का भाव गिरता भी है तो भी किसानों को MSP के आधार पर जितनी फसल की कीमत निर्धारित की जाती है सरकार निर्धारित MSP पर ही फसल खरीदती है। आपको बता दे किसानों की फसलों का मूल्य CACP यानी कृषि लागत और मूल्य आयोग तय करता है। सरकार लगभग 23 फसलों के लिए मूल्य निर्धारित करती है जैसे धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, चना, जौ, तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, सरसों, सोयाबीन, सूरजमूखी, गन्ना, कपास, जूट आदि।
MSP Full Form in Hindi
एमएसपी का फुल फॉर्म “Minimum Support Price” होता है। हिंदी में इसे “न्यूनतम समर्थन मूल्य” कहते है। सरकार द्वारा किसानों की फसल के लिए Minimum Support Price तय किया जाता है। इसके बाद अगर किसानों की फसल का दाम कम भी हो जाए तो भी सरकार किसानों की फसल को निर्धारित Minimum Support Price पर ही खरीदेगी।
भारत में MSP की शुरुआत
आपको बता दे भारत सरकार ने 1966-67 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पेश किया था। पहली बार गेहूं की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया था। गेहूं का एमएसपी 54 रुपये प्रति क्विंटल था। इसके बाद बहुत सारी फसलों का एमएसपी तय होने लगा। आज के समय में भारत सरकार 22 फसलों के लिए Minimum Support Price तय करती है।
MSP कौन तय करता है?
बता दे किसानों की फसलों की एमएसपी CACP (Commission for Agriculture Cost and Prices) के द्वारा तय की जाती है। साल 1965 में CACP की शुरुआत हुई थी। कृषि लागत और मूल्य आयोग 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करता है। CACP कृषि मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है।
MSP कौन सी फसलों पर मिलता है?
1. अनाज
- गेहूं
- धान का खेत
- मक्का
- चारा
- बाजरा
- जौ
- रागी
2. दाल
- चना
- मूंग
- तूर
- उड़द
- मसूर
3. तिलहन
- मूंगफली
- सोया बीन
- रेपसीड
- तिल
- सूरजमुखी
- कुसुम
- नाइजर बीज
4. वाणिज्यिक फसलें
- खोपरा
- गन्ना
- कपास
- कच्चा जूट
एमएसपी के फायदे (MSP Benefits)
- एमएसपी से किसानों की आय दोगुना हो सकती है।
- किसानों की फसलों के दाम कम होने पर भी किसानों को तय मूल्य मिलता है।
- MSP के कारण फसलों की कीमत पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है।
- एमएसपी के कारण किसानों को कम नुकसान होता है।
हमने आपको एमएसपी फुल फॉर्म क्या है? इसके विषय में जानकारी प्रदान की है। इसके साथ ही आपको MSP की शुरुआत? MSP कौन तय करता है? एमएसपी के फायदे? के बारे में भी बताया है। MSP से इससे समबन्धित अन्य कोई जानकारी चाहते है तो कमेंट करके बताए।
एमएसपी का फुल फॉर्म क्या है से संबंधित FAQ
MSP की शुरुआत जनवरी 1965 में हुई थी।
MSP Full Form in Agriculture “Minimum Support Price” होता है।
MSP कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) जारी करता है।
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