आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि Duniya Ke Saat Ajoobe कौन से है 2023 में? मनुष्य ने अपनी कला से कई ऐसी चीजे बनाई है जिसे देखकर दुनिया आज भी हैरान है। अपनी कला से कई इमारतें, मन्दिर, मस्जिद, स्मारक, मकबरा जैसे भवनों का निर्माण किया है जो आज भी पूरी दुनिया के लिए अजूबा बना हुआ है। आपने अक्सर दुनिया के सात अजूबों के बारे में सुना होगा जिसे हम Seven Wonders Of The World के नाम से भी जानते हैं। इसके बारे में अक्सर बच्चों को स्कूल में भी पढ़ाया जाता है। दुनिया के सात अजूबे विश्व के सात अलग-अलग जगहों पर स्थित है ये देखने में भी बहुत ही विशाल है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व के सात अजूबे प्राचीन काल से ही चुने जा रहे हैं। माना जाता है कि अजूबे चुनने का सबसे पहले विचार 2200 साल पहले हेरोडोटस और कल्लिमचुस को आया था इन्होंने सबसे पहले अजूबो की सूची तैयार की थी इनमें विश्व के 7 अजूबे शामिल थे हालाकि इनके द्वारा चुने गए अजूबे अब नष्ट हो चुके हैं इसलिए अब नए अजूबों को चुनने के बारे में सोचा गया। कुछ इंजीनियर और शोधकर्ताओं ने नए अजूबों की सूची तैयार की थी लेकिन इसे विश्व की तरफ से सहमति नहीं मिली थी। इसके बाद अजूबे चुनने की एक विशेष प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ा। आज हम आपको दुनिया के सात अजूबे के फोटो सहित जानकरी देने जा रहे है। आइए जानते हैं कि Duniya Ke Saat Ajoobe कौन से है 2023 में?
दुनिया के सात अजूबे कौन से हैं 2023 (duniya ke saat ajoobe kaun kaun se hain)
हम आपको दुनिया के सात अजूबे के नाम (duniya ke saat ajoobe ke naam) और फोटोज (duniya ke saat ajoobe image) की लिस्ट बताने जा रहे है। आप सभी लिस्ट नीचे देख सकते है।
अजूबे के नाम | निर्माण | जगह |
चीन की दीवार | सातवी BC शताब्दी | चीन |
ताजमहल | 1648 | भारत |
पेट्रा | 100 BC | जोर्डन |
क्राइस्ट रिडीमर | 1931 | ब्राजील |
माचू पिच्चू | AD 1450 | पेरू |
कोलोसियम | AD 80 | इटली |
चिचेन इत्जा | AD 600 | मैक्सिको |
1. चीन की दीवार (Great Wall of China)
चीन ने अपनी सुस्रक्षा के लिए अपनी सभी सीमाओं को एक दीवार से घेर दिया था जिसे चीन की दीवार कहते हैं। इस दीवार का निर्माण 7वी शताब्दी से लेकर 16वी शताब्दी तक हुआ था। यह दीवार पूर्वी चीन से लेकर पश्चमी चीन तक फैली है इसकी लम्बाई लगभग 6400 किलोमीटर है वहीं इसकी ऊंचाई करीब 35 फीट है। वहीं इसकी चौड़ाई की बात करे तो इस दीवार पर 10 आदमी एक साथ आराम से चल सकते हैं। इस दीवार को बनाने में उस समय मिट्टी, पत्थर, लकड़ी, ईंट आदि का उपयोग किया गया था। माना जाता है कि इस दीवार के निर्माण में करीब 20 से 30 लाख लोगो ने अपना जीवन लगा दिया था।
2. ताजमहल (Taj Mahal)
भारत के आगरा शहर में स्थित ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसका निर्माण शाहजहाँ ने 1632 में करवाया था। इसकी ऊंचाई 73 मीटर है। कहते है इस ईमारत को बनाने में लगभग 15 साल का समय लगा था। इस ताजमहल को बनवाने के लिए शाहजहाँ ने दुनियाभर से सफ़ेद संगमरमर का पत्थर मंगवाया था। सफ़ेद संगमरमर से बना ताजमहल पूरी तरह से सफेद है और जिन मजदूरों ने इसे बनाया था शाहजहाँ ने उनके हाथ कटवा दिए थे ताकि वह ऐसी चीज दोबारा ना बनवा सके। यह करीब 17 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और इसे बनाने के लिए 20,000 से भी ज्यादा मजदूरों ने काम किया था। ताजमहल के आसपास कई सारे इमारतें और बाग बनाए गए हैं जो इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। इसे देखने के लिए हर साल ढेर सारे पर्यटक आते हैं।
3. पेट्रा (Petra)
पेट्रा जॉर्डन में स्थित एक ऐतहासिक नगरी है इसकी स्थापना 312 ईसा पूर्व की गई थी। यह पूरी इमारत पत्थरों को तराश कर बनाई गई थी। इस इमारत के लगे सारे पत्थर लाल रंग है इसलिए इसे रोज सिटी (Rose City) के नाम से जाना जाता है। पेट्रा को युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर होने का दर्जा भी मिल चुका है। कहा जाता है कि इस नगरी आपको पत्थर से तरासी गयी एक से बढ़कर एक इमारतें देखने को मिलती हैं।
4. क्राइस्ट रिडीमर (Christ the Redeemer Statue)
यह ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जो दुनिया की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है। यह मूर्ति तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित है। आपको बता दे कि इस मूर्ति का आधार 31 फिट है जिसे मिलाकर इसकी कुल उंचाई 130 फिट बनती है वहीं इसकी चौड़ाई 98 फिट है. इसका वजन लगभग 635 टन है। माना जाता है इसका निर्माण 1922 और 1931 के बीच किया गया था। कहा जाता है कि इस प्रतिमा को बनाने में कुल 2,50,0000 डॉलर खर्च हुए थे।
5. माचू पिच्चू (Machu Picchu)
माचू पिच्चू दक्षिण अमेरिकी देश पेरू मे स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है जहां कोलम्बस पूर्व युग, इंका सभ्यता रहा करती थी। समुद्र तल से इस ऐतिहासिक स्थल की उंचाई 2430 मीटर है इसका निर्माण 1400 के आसपास इंका साम्राज्य के राजा पचाकुती ने करवाया था। जिस पर बाद में इस जगह पर स्पेन ने अधिपत्य कर लिया था और इसे ऐसे ही छोड़ दिया था जिसके बाद यहां की सभ्यता समय के साथ लुप्त हो गयी। लेकिन 1911 में अमेरिका के इतिहासकार हिरम विंघम ने इसकी खोज की थी और इस ऐतिहासिक स्थल को दुनिया के सामने लाया था। इसे “लॉस्ट सिटी ऑफ द इन्का के नाम से भी जाना जाता है। यहां की सबसे प्रसिद्ध जगह का नाम इन्का ट्रेल है। क्योंकि इस ट्रैक से पर्वत की चोटियों पर सूर्योदय का नजारा काफी खूबसूरत दिखाई देता है। इस ट्रैक के बहुत अधिक संकरा होने के कारण इस पर 500 से ज्यादा पर्यटक नहीं जा सकते हैं। इस जगह की पुरानी इमारतों की मरम्मत कराकर इसका 30% तक पुनः निर्माण किया गया है, ताकि यह दिखने में खूबसूरत लग सके।
6. कोलोसियम (The Roman Colosseum)
यह इटली देश के रोम नगर के मध्य निर्मित विशाल स्टेडियम है प्राचीन काल में यहां जानवरो की लड़ाई, जानवरों की लड़ाई, खेल कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हुआ करते थे। इसका निर्माण तत्कालीन शासक वेस्पियन ने 70वीं – 72वीं ईस्वी के मध्य प्रारंभ किया और 80वीं ईस्वी में इसको सम्राट टाइटस ने पूरा किया था। यह विश्व की बहुत पुरानी वास्तुकलाओं में से एक है। हालाकि प्राकृतिक आपदा और भूकंप आदि से यह थोड़ा बहुत नष्ट हुआ है लेकिन आज भी इसकी विशालता वैसे ही है। इस स्टेडियम में प्राचीनकाल में 50 हजार से 80 हजार लोग एक साथ बैठ सकते थे। इस स्टेडियम को कंक्रीट और रेत से बनाया गया है। अपनी विशालता के कारण यह दुनिया के सात अजूबे में शामिल है।
7. चीचेन इट्ज़ा (Chichen Itza)
चीचेन इट्ज़ा मक्सिको का प्राचीन और विश्व प्रसिद्ध मायन मंदिर है जिसका निर्माण 600 ईशा पूर्व में हुआ था। आपको बता दे कि यह मंदिर 5 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है यह मंदिर पिरामिड की आकृति का है जिसकी उंचाई 79 फिट है इसके ऊपर जाने के लिए चारों ओर सीढियाँ बनाई गयी हैं। इसकी हर दिशा में 91 सीढियाँ हैं इस तरह कुलमिलाकर इसमें 365 सीढियाँ हैं जो एक साल के 365 दिन का प्रतीक है।
दुनिया के सात अजूबों का इतिहास
आपको बता दे सबसे पहले साल 1999 में लोगों के मन में दुनिया के अजूबे चुनने का विचार आया था, इसके लिए स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिक में 7 Wonders of World Foundation नाम से एक संस्था की स्थापना की गई थी और इसके लिए कैनेडा में एक साईट बनवाई गई थी। जिसमें दुनिया भर के 100 मिलियन लोगों से इंटरनेट और मोबाइल के जरिये वोटिंग कराई गई। वोटिंग के लिए दुनिया भर के 200 ऐतिहासिक चीज़ें और धरोहर को शामिल किया गया था। यह वोटिंग साल 2007 तक चली थी, जिसका रिजल्ट 7 जुलाई 2007 को लिस्बन में आया था और अंत में दुनिया भर के 10 करोड़ लोगों द्वारा चुने गए।
तो अब आप जान गए होंगे कि Duniya Ke Saat Ajoobe कौन से है 2023 में? हमने आपको दुनिया के सात अजूबे के बारे में पूरी जानकरी दी है साथ ही हमने दुनिया के सात अजूबे कैसे चुने गए ये भी आपको बताया है उम्मीद है की आपको इस आर्टिकल में सारी जानकारी मिल गई होगी।
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दुनिया में कुल 7 अजूबे है।