बिजली का आविष्कार किसने किया?

Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya

आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya आज के समय में बिजली  हमारे जीवन की दैनिक जरूरत बन चुकी है। इसके बिना आज सामान्य जन-जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक हमें बिजली की आवश्यकता होती है। आज बिजली का उपयोग हर क्षेत्र में किया जाता है। बिजली से हम मोबाइल फ़ोन्स, ऐसी, फैन, टेलीविज़न, कंप्यूटर चलाते है। देश के विकास में बिजली का बड़ा योगदान है क्योकि जितने भी बड़े से बड़े कारखाने और फैक्ट्री में मशीनें है वो सब बिजली से ही चलती हैं। हमारे भारत देश के विकास में रेलवे का बड़ा योगदान है। आज भारत देश में जितनी भी ट्रैन चलती है वो सभी बिजली से ही चलती हैं। आप भी बिजली का उपयोग करते होंगे पर क्या आपने कभी ये सोचा है बिजली का आविष्कार (bijali ka avishkar kisne kiya) किसने किया? आइए जानते हैं कि Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya?

बिजली का आविष्कार किसने किया

बिजली का अविष्कार 600 वर्ष ईसा पूर्व थेल्स नाम के वैज्ञानिक ने किया था। थेल्स यूनान के दार्शनिक महान भौतिक विज्ञानी थे। उन्होंने ही सबसे पहले चीड़ के पेड़ जो कि सड कर रस या गोंद बन जाता हैं उसको रगड़ने से कपड़े पर या किसी भी सूखे पत्ते  या कोई भी पक्षी का पंख अपनी ओर आकर्षित करता हैं। उसको थेल्स ने इलेक्ट्रिसिटी नाम दिया। उसके बाद कई वैज्ञानिकों ने बिजली के खोज में लगे हुए थे। फिर संयुक्त राज्य अमेरिका के एक वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक परीक्षण करके बिजली उत्पन्न करने की खोज की उन्होंने लोगों को बताया कि आकाश में जो बिजली चमकती हैं उसी का दूसरा रूप बिजली हैं। उसके बाद फ्रांस के एक वैज्ञानिक जार्ज लेक्लांशे ने एक गिला बैटरी बनाकर उसमें से बिजली उत्पन्न किया उन्होंने अमोनियम क्लोराइड का घोल बनाकर उसमें जस्ता और कार्बन की छड़ बनाया और अमोनियम क्लोराइड के घोल में उसको डुबाकर बिजली उत्पन्न करके लोगों को दिखाया।

वास्तव में बिजली का आविष्कार 1800 में एलेस्सान्डो् वोल्टा (Alessandro Volta) ने किया वही सबसे पहले व्यक्ति थे। जिन्होंने पहली विधुत सेल बनाई, जिससे विधुत धारा प्राप्त की जा सकती थी। विधुत सेल के आविष्कार के कुछ ही दिनों में लोगों को यह पता लग गया कि विधुत धारा से ऊष्मा, प्रकाश, रासायनिक कियाएं और चुम्बकीय प्रभाव पैदा किए जा सकते हैं। विधुत पैदा करने की दिशा में सबसे क्रांतिकारी कार्य 1831 में माइकल फैराडे (Michal Faraday) ने किया उन्होंने सबसे पहले यह बताया  कि यदि तांबे के तार से बनी कुंडली (Coil) में एक चुम्बक को आगे-पीछे किया जाए, तो बिजली पैदा हो जाती है। फैराडे के इसी सिद्धांत को प्रयोग में लाकर विधुत पैदा करने वाले जेनरेटरों (Generators) का विकास हुआ। सबसे पहला सफल विधुत डायनमो (Dynamo) या जेनरेटर जर्मनी में सन 1867 में बनाया गया। 1858 में अमरिका में गिरते हुए पानी की मदद से टरबाइन (Turbine) चलाकर विधुत पैदा की गई।  इसके पश्चात दुनिया में बहुत से जलविधुत उत्पादन केन्द्र (Hydel Power Station) और तापविधुत उत्पादन केन्द्रों (Thermal Power Station) का विकास हो गया।

भारत में बिजली कब आई थी?

भारत में पहली बार बिजली सन 1879 में कोलकाता में आई थी। इसके बाद भारत में पहली बिजली बनाने वाली फैक्ट्री भी कोलकात्ता में 1899 में लगाई गयी थी है। इस फैक्ट्री का नाम कोलकाता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कॉरपोरेशन था है। इसके बाद में सन 1902 में मैसूर में जल विद्युत् केंद्र बनाया गया और फिर डीजल से बनाने वाली बिजली का उत्पादन दिल्ली में सन 1905 में शुरू किया गया था है।

बिजली के कितने प्रकार की होती है?

बिजली दो प्रकार की है।

  1. डाइरेक्ट करंट यानि द्विष्ट धारा
  2. अलटरनेट करंट यानि प्रत्यावर्ती धारा

बिजली का इतिहास

बिजली का अविष्कार 600 वर्ष ईसा पूर्व थेल्स नाम के वैज्ञानिक ने किया था। थेल्स यूनान के दार्शनिक महान भौतिक विज्ञानी थे। उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के एक वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक परीक्षण करके बिजली उत्पन्न करने की खोज की उन्होंने लोगों को बताया कि आकाश में जो बिजली चमकती  हैं उसी का दूसरा रूप बिजली हैं। उसके बाद फ्रांस के एक वैज्ञानिक जार्ज लेक्लांशे ने एक गिला बैटरी बनाकर उसमें से बिजली उत्पन्न किया उन्होंने अमोनियम क्लोराइड का घोल बनाकर उसमें जस्ता और कार्बन का छड़ बनाया और अमोनियम क्लोराइड के घोल में उसको डुबाकर बिजली उत्पन्न करके लोगों को दिखाया। 1800 में एलेस्सान्डो् वोल्टा (Alessandro Volta) ने पहली बिधुत सेल बनाई, जिससे बिधुत धारा प्राप्त की जा सकती थी।    

विधुत पैदा करने की दिशा में सबसे क्रांतिकारी कार्य 1831 में माइकल फैराडे (Michal Faraday) ने किया उन्होंने सबसे पहले यह बताया की यदि तांबे के तार से बनी कुंडली (Coil) में एक चुम्बक को आगे-पीछे किया जाए, तो बिजली पैदा हो जाती है। फैराडे के इसी सिद्धांत को प्रयोग में लाकर विधुत पैदा करने वाले जेनरेटरों (Generators) का विकास हुआ। सबसे पहला सफल विधुत डायनमो (Dynamo) या जेनरेटर जर्मनी में सन 1867 में बनाया गया।

बिजली के बारे में रोचक तथ्य

  • आसमान से गिरने वाली बिजली 10 करोड़ volt की होती है, जबकी हमारे घरों में जो करंट आता है वो सिर्फ 220 volt का होता है।   
  • हमारे घरों में चलने वाले वॉशिंमशिन, टीवी, फ्रिज सब सिर्फ 5 Amp पर  चलता है।   
  • भारत में हर साल 2500-3000 लोग बिजली गिरने से मारे जाते है।   
  • एक सर्वे के अनुसार बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या में 80% पुरूष और सिर्फ 20% ही महिलाएं होती है।  

तो अब आप जान गए होंगे कि Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya बिजली का अविष्कार 600 वर्ष ईसा पूर्व थेल्स नाम के वैज्ञानिक ने किया था। थेल्स यूनान के दार्शनिक महान भौतिक विज्ञानी थे। विधुत पैदा करने की दिशा में सबसे क्रांतिकारी कार्य 1831 में माइकल फैराडे (Michal Faraday) ने किया उन्होंने सबसे पहले यह बताया कि यदि तांबे के तार से बनी कुंडली (Coil) में एक चुम्बक को आगे-पीछे किया जाए तो बिजली पैदा हो जाती है।

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बिजली का आविष्कार किसने किया

बिजली का अविष्कार 600 वर्ष ईसा पूर्व थेल्स नाम के वैज्ञानिक ने किया था।

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